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याद कर ..

याद कर वे दिन टूटे ,
तेरे ही कारन सारे ,
टूटे थे ख्वाब लेकिन ,
अरमान तो कबके छूटे ,
तू हसकर , तू रोकर ,
मुझसे खेलना बस कर ,
तू रुक मत , है हरकत
इस चेहरे को भी देख मत (२)

तोड़े है ख्वाब तूने ,
अरमान तो कबके छूटे …

याद कर वे सपने देखे ,
खोली थी बोत्तले सारी ,
loud थी बस music system  ,
शीशे तो कबके फूटे ,
तू बात कर , या मत कर
मैं हु villain , मैं जोकर ,
एक काम कर , तू जा घर ,
music system off कर (२)

नशे है किए तूने ,
शीशे तो कबके फूटे …

याद कर वह चाँद तारे ,
रात की कश्ती निहारे ,
एक था Jack , एक थी Rose ,
मरना पड़ता Jack को रोज ,
boat की Titanic वाली ,
नैया तो कबकी डूबी ,
तू शर्म कर , या मत कर ,
इस ज़िन्दगी पे रेहम कर ,
अब मिल मत , है हैरत ,
ख़ुशी मेरी छीन मत (२)

कश्ती की Titanic तूने ,
नैया तो कबकी डूबी ..

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Published by अखिलेश कुलकर्णी

मराठी व इंग्रजी साहित्याला जोपासणारा एक कोवळा लेखक व कवी .

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