जवान का खून है
अस्सी में भी जूनून है ,
रणभूमि से कोसो दूर
हर साथी के शहादत से ,
वे आज भी लहू – लुहान है ..
तू क्या सिखाएगा इन्हे युद्ध ,
तू क्या सिखाएगा इन्हे युद्ध ,
उतनी तेरी औकात नहीं है !
जवान का खून है
अस्सी में भी जूनून है ,
रणभूमि से कोसो दूर
हर साथी के शहादत से ,
वे आज भी लहू – लुहान है ..
तू क्या सिखाएगा इन्हे युद्ध ,
तू क्या सिखाएगा इन्हे युद्ध ,
उतनी तेरी औकात नहीं है !
मराठी व इंग्रजी साहित्याला जोपासणारा एक कोवळा लेखक व कवी . View more posts