तू दुखी था घूमने न जा सका,वह दुःख के साथ घूम रहा थातू अपनों की याद मे परेशान था,उसे तो उन्हें खिलाना भी थातू पराया होके भी सरकार का लाडला था,अपना तो आज भी पैदल ही चला था ! तू मोमोस न मिलने से खफा था,उसे दो वक्त का खाना भी काफी थातूने तो पोटलीContinue reading “कोरोना की कहानी…”